बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-1 मनोविज्ञान बीए सेमेस्टर-1 मनोविज्ञानसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-1 मनोविज्ञान के प्रश्नोत्तर
प्रश्न- क्लासिकी अनुबंधन का अर्थ और उसकी आधारभूत प्रक्रियाओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर -
क्लासिकी अनुबंधन
(Classical Conditioning)
आई. पी. पैवलव (Ivan Petrovich Pavlov 1849-1936) - एक रूसी शरीर वैज्ञानिक थे। जिन्होंने पाचन क्रिया की दैहकी का विशेष रूप से अध्ययन किया और इसके लिए 1904 में इन्हें नोबल पुरस्कार दिया गया। इन्होंने लारमय अनुबंधन (Salivaiy Condtioning) का अनुबंधन किया। वास्तव में लारमय अनुबंधन 1899 में प्रारम्भ हुआ जब ओलपसन (wolfshon) के पी.एच.डी. का शीर्षक लारमय स्राव का प्रेक्षण था।
पैवलव के सीखने के सिद्धान्त को क्लासिकी अनुबंधन सिद्धान्त (Classical Conditioning theory) या प्रतिवादी अनुबंधन सिद्धान्त ( Respondent conditioning theory) या टाइप एस (Type S) अनुबंधन भी कहते हैं।
पैवलोवियन अनुबंधन के मुख्य चार अंग होते हैं -
1. स्वाभाविक उद्दीपक (Unconditioned Stimulus or UCS) - यह वह उद्दीपक होता है जो बिना किसी प्रशिक्षण के प्राणी में अनुक्रिया उत्पन्न कर देता है।
2. स्वाभाविक अनुक्रिया (Unconditioned Response or UCR) - जो स्वाभाविक उद्दीपक के प्रति करते हैं।
3. अनुबंधित उद्दीपक (Conditioned Stimulus : CS) - यह वह उद्दीपक होता है जो स्वाभाविक उद्दीपक के साथ या कुछ सेकेण्ड पहले देते हैं।
4. अनुबंधित अनुक्रिया (Conditioned Response or Cr) - अनुबंधित उद्दीपक के प्रति की गयी अनुक्रिया को अनुबंधित अनुक्रिया कहते हैं।
क्लासिकी अनुबंधन की आधारभूत प्रक्रियाएँ -
क्लासिकी अनुबंधन की आधारभूत प्रक्रियाऐं
निम्नलिखित हैं।
1. स्वाभाविक उदद्दीपक - स्वाभाविक उद्दीपक उस उद्दीपक को कहा जाता है जो बिना किसी पूर्व प्रशिक्षण के ही प्राणी में अनुक्रिया उत्पन्न करते है। जैसे पॉलव के प्रयोग में भोजन एक स्वाभाविक उद्दीपक (UCS) है जो लार स्राव करने की अनुक्रिया बिना किसी प्रशिक्षण के ही करता
है।
2. स्वाभाविक अनुक्रिया - स्वाभाविक अनुक्रिया उस अनुक्रिया को कहा जाता है जो एक स्वाभाविक उद्वीपक द्वारा उत्पन्न किया जाता है जैसे, पॉलव के प्रयोग में भोजन देखकर कुत्ते के मुँह मे लार का स्राव एक स्वाभाविक अनुक्रिया है।
3. अनुबन्धित उद्दीपक - अनुबन्धित उद्दीपक वह उद्दीपक होते हैं जिसे यदि स्वाभाविक उद्दीपक के साथ या उससे कुछ सेकेण्ड पहले लगातार कुछ प्रयासों तक दिया जाता है, तो वह उद्दीपक स्वाभाविक उद्दीपक के समान ही अनुक्रिया उत्पन्न करना प्रारम्भ कर देता है। किसी भी उद्दीपक को अनुबन्धित उद्दीपक कहलाने के लिए यह आवश्यक है कि वह प्राणी की ज्ञानेन्द्रियों के पहुँच के भीतर हो, यानि जिसे देखा जा सके. सुना जा सके, स्पर्श किया जा सके। पॉलव के प्रयोग में घटी की आवाज एक अनुबंधित उद्दीपक का उदाहरण है।
क्लासिकी अनुबंधन की आधारभूत प्रक्रियाओं को निम्न प्रकार से भी प्रदर्शित किया जा सकता है -
1- अग्रमुखी अनुबंधन- इस विधि में अनुबंधित उद्दीपक (CS) पहले और अनानुबंधित उद्दीपक (UCS) बाद में प्रस्तुत किया जाता है। यह सर्वाधिक सफल विधि है। इसके दो प्रकार हैं- (i) विलम्वित अनुबंधन - अनुबंधन इसमें अनुबंधित उद्दीपक के कुछ समय बाद अनानुबंधित उद्दीपक दिया जाता है।
(ii) चिन्ह अनुबंधन - इसमें अनुबंधित उद्दीपक के काफी समय बाद अनानुबंधित उद्दीपक प्रस्तुत किया जाता है, अर्थात प्रयोज्य को स्मृति के आधार पर अनुक्रिया करनी होती है। यह अपेक्षाकृत कम सफल विधि है।
2- पृष्ठमुखी अनुबंधन इस विधि में अनानुबंधित उद्दीपक (UCS) पहले और अनुबंधित उद्दीपक (CS) बाद में प्रस्तुत किया जाता है। अनेक लोगों ने इसे असफल विधि कहा हैपरन्तु स्वीजर (1930) ने इसके आधार पर साहचर्य स्थापित होने का प्रमाण प्राप्त किया है।
3- कालिक अनुबंधन - इसमें कोई अनुबंधित उद्दीपक (CS) प्रयुक्त नहीं होता है, बल्कि अनानुबंधित उद्दीपक ही निश्चित अन्तरालों पर प्रस्तुत करके प्रयोज्यों को उसी निश्चित अन्तराल पर व्यवहार करने का प्रशिक्षण दिया जाता है जैसे - प्रत्येक दो मिनट पर भोजन देकर लार स्त्राव 2-2 मिनट पर करने का प्रशिक्षण देना। इससे स्पष्ट है कि इसमें समय अन्तराल ही अनुबंधित उद्दीपक का कार्य करता है।
4. सहसामयिक अनुबंधन - इस विधि में अनुबंधित (CS) एवं अनानुबंधित (UCS) दोनो उद्दीपक एक ही साथ प्रस्तुत तथा उद्दश्य होते हैं।
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- प्रश्न- मनोविज्ञान की परिभाषा दीजिये। इसके लक्ष्य बताइये।
- प्रश्न- मनोविज्ञान के उपागमों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- व्यवहार के मनोगतिकी उपागम को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- व्यवहारवादी उपागम क्या है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- संज्ञानात्मक परिप्रेक्ष्य से क्या तात्पर्य है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- मानवतावादी उपागम से आप क्या समझते हैं? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- मनोविज्ञान की उपयोगिता बताइये।
- प्रश्न- भगवद्गीता में मनोविज्ञान को किस प्रकार समाहित किया है? उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- सांख्य दर्शन में मनोविज्ञान को किस प्रकार व्याख्यित किया गया है? अपने विचार व्यक्त कीजिए।
- प्रश्न- बौद्ध दर्शन में मनोविज्ञान किस प्रकार परिभाषित किया गया है? अपने विचार व्यक्त कीजिए।
- प्रश्न- मनोविज्ञान की प्रयोगात्मक विधि से क्या तात्पर्य है? सामाजिक परिवेश में इस विधि की क्या उपयोगिता है?
- प्रश्न- मनोविज्ञान की निरीक्षण विधि का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिये।
- प्रश्न- मनोविज्ञान को परिभाषित करते हुए इसकी विधियों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- सह-सम्बन्ध से आप क्या समझते हैं? सह-सम्बन्ध के विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सह-सम्बन्ध की गणना विधियों का वर्णन कीजिए। कोटि अंतर विधि का उदाहरण सहित वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सह-सम्बन्ध की दिशाएँ बताइये।
- प्रश्न- सह-सम्बन्ध गुणांक के निर्धारक बताइये तथा इसका महत्व बताइये।
- प्रश्न- जब {D2 = 36 है तथा N = 10 है तो स्पीयरमैन कोटि अंतर विधि से सह-सम्बन्ध निकालिये।
- प्रश्न- सह सम्बन्ध गुणांक का अर्थ क्या है?
- प्रश्न- चयनात्मक अवधान के किन्ही दो सिद्धांतों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- चयनात्मक अवधान के सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए
- प्रश्न- दीर्घीकृत ध्यान का स्वरूप स्पष्ट करते हुए, उसके निर्धारक की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- चयनात्मक अवधान के स्वरूप को विस्तारपूर्वक समझाइए।
- प्रश्न- चयनात्मक अवधान तथा दीर्घीकृत अवधान की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- अधिगम से आप क्या समझते हैं? इसकी विशेषताओं का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- क्लासिकी अनुबन्धन सिद्धान्त का विवेचन कीजिए तथा प्राचीन अनुबन्धन के प्रकार बताइये।
- प्रश्न- क्लासिकल अनुबंधन तथा क्लासिकल अनुबंधन को प्रभावित करने वाले तत्वों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- क्लासिकी अनुबंधन का अर्थ और उसकी आधारभूत प्रक्रियाओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अधिगम अन्तरण से आप क्या समझते हैं? इसके प्रकार बताइये।
- प्रश्न- शाब्दिक सीखना से आप क्या समझते हैं? शाब्दिक सीखने के अध्ययन में उपयुक्त सामग्रियाँ बताइए।
- प्रश्न- अधिगम को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारकों का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- शाब्दिक सीखना में स्तरीय विश्लेषण किस प्रकार किया जाता है?
- प्रश्न- शाब्दिक सीखना की संगठनात्मक प्रक्रियाओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सीखने की प्रक्रिया में अभिप्रेरणा का महत्त्व बताइये।
- प्रश्न- क्लासिकी अनुबंधन में संज्ञानात्मक कारकों की भूमिका बताइये।
- प्रश्न- अधिगम के नियमों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- परिवर्जन सीखना पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- सीखने को प्रभावित करने वाले कारक।
- प्रश्न- स्मृति की परिभाषा दीजिये। स्मृति में सुधार कैसे किया जाता है?
- प्रश्न- स्मृति के प्रकारों की विस्तृत व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- स्मृति में संरचनात्मक एवं पुनर्सरचनात्मक प्रक्रियाओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विस्मरण के प्रमुख सिद्धान्तों का संक्षिप्त विवेचन कीजिए।
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- प्रश्न- 'व्यतिकरण धारण को प्रभावित करता है।' इस कथन की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- स्मृति के स्वरूप पर प्रकाश डालिए। स्मृति को मापने की विधियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विस्मरण के निर्धारक और कारणों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- संकेत आधारित विस्मरण किसे कहते हैं? विस्मरण के स्वरूप की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- स्मरण के प्रकार बताइयें।
- प्रश्न- अल्पकालीन तथा दीर्घकालीन स्मृति में अन्तर बताइये।
- प्रश्न- स्मृति सहायक प्रविधियाँ क्या हैं?
- प्रश्न- विस्मरण के स्वरूप पर प्रकाश डालिए।
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- प्रश्न- ध्यान की मुख्य विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- बुद्धि के प्रमुख सिद्धान्तों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
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- प्रश्न- बुद्धि परीक्षण से आप क्या समझते हैं? इसके प्रकारों तथा महत्व का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- गिलफोर्ड के त्रिआयामी बुद्धि सिद्धान्त का वर्णन कीजिये।
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- प्रश्न- बुद्धि को परिभाषित कीजिये। इसके विभिन्न प्रकारों तथा बुद्धिलब्धि के प्रत्यय का वर्णन कीजिए।
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- प्रश्न- वंशानुक्रम तथा वातावरण बुद्धि को किस प्रकार प्रभावित करता है?
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- प्रश्न- परीक्षण प्राप्तांकों की व्याख्या से क्या आशय है?
- प्रश्न- उदाहरण सहित बुद्धि-लब्धि के प्रत्यन को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- बुद्धि परीक्षणों के उपयोग बताइये।
- प्रश्न- बुद्धि लब्धि तथा विचलन बुद्धि लब्धि के अन्तर को उदाहरण सहित समझाइए।
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- प्रश्न- गार्डनर के बहुबुद्धि सिद्धान्त का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- थर्स्टन के समूह कारक सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- स्पीयरमैन के द्विकारक सिद्धान्त के आधार पर बुद्धि की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- स्पीयरमैन के द्विकारक सिद्धान्त की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- व्यक्तित्व से आप क्या समझते हैं? इसकी उपयुक्त परिभाषा देते हुए इसके अर्थ को स्पष्ट कीजिये।
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- प्रश्न- व्यक्तित्व के विभिन्न उपागमों या सिद्धान्तों का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- व्यक्तित्व पर ऑलपोर्ट के योगदान की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- कैटेल द्वारा बताए गए व्यक्तित्व के शीलगुणों का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
- प्रश्न- व्यक्ति के विकास की व्याख्या फ्रायड ने किस प्रकार दी है? संक्षेप में बताइए।
- प्रश्न- फ्रायड ने व्यक्तित्व की गतिकी की व्याख्या किस आधार पर की है?
- प्रश्न- व्यक्तित्व के मनोविश्लेषणात्मक सिद्धान्त की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- व्यक्तित्व के मानवतावादी सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।
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- प्रश्न- व्यक्तित्व के शीलगुणों का वर्णन कीजिये।
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- प्रश्न- शीलगुण उपागम में 'बिग फाइव' (OCEAN) संप्रत्यय की संक्षिप्त व्याख्या दीजिए।
- प्रश्न- प्रेरणा से आप क्या समझते हैं? आवश्यकता, प्रेरक एवं प्रलोभन में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
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- प्रश्न- उपलब्धि प्रेरक एक प्रमुख सामाजिक प्रेरक है। स्पष्ट कीजिए।
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- प्रश्न- दाव एवं खिंचाव तंत्र अभिप्रेरित व्यवहार में किस प्रकार कार्य करता है?
- प्रश्न- जैविक और सामाजिक प्रेरक।
- प्रश्न- जैविक तथा सामाजिक अभिप्रेरकों में अन्तर स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- आन्तरिक एवं बाह्य अभिप्रेरण क्या है? स्पष्ट कीजिए।
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- प्रश्न- संवेग के
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- प्रश्न- संवेग के मापन की कोई दो विधियाँ बताइये।